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एक अजीब सा रिश्ता होता  है मौत का ज़िन्दगी के साथ। मौत जो ज़िन्दगी का अभिन्न अंग होती है । मौत जो  ज़िन्दगी के graph पर सबसे ऊपर होती है। ठीक ही कहा है ग़ालिब ने।

"मौत ने कुछ इस तरह आवाज़ दी ...
ज़िन्दगी खामोश हो सुनती रही ..."
मेरे जीवन के बारे में भी कुछ ऐसा ही है। what i feel is that life is a canvas rather a blank canvas जिस पर कई रंग होते हैं। रंग जो इस canvas को हर पल भरते रहते हैं। और इन रंगों से जो चित्र मानता हिया उसे ज़िन्दगी  कहते हैं। That beautiful painting is called LIFE . 

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