Thursday, June 11, 2009

एक नशा है याद तुम्हारी (inspired from my mentor guide .. yash kaka)














और किसी नशे की ज़रूरत ही नही ...
अजब नशा है याद तुम्हारी...

प्यासी रूह को करार ही सही ...
अजब सी प्यास है याद तुम्हारी.....

हर आहट में भी तुमको ढूँढूं ...
अजब सी वो है बात तुम्हारी ....

और किसी नशे की ज़रूरत नही ...
अजब नशा है याद तुम्हारी...

4 comments:

  1. kya baat hai yaar..this is too gud...

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  2. thanks yaar.. thisone is for her ...

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  3. Speechless....aur kya kahoon!!!

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  4. pyar ka nasha aisa hi hota hai, mere dost....aur ye nasha teri kavita mein dikh raha hai....isliye bahut acche....keep up the gud work

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