Tuesday, December 15, 2009

सन्नाटे का शोर

सब चुप हैं
सांप सूंघ गया हो मानो
शून्य
सब चुप हैं
क्यूंकि
सहस लगता है
कहने को
कुछ करने को
पर
बचा नहीं अब वो
चहु और अब है

बस

सन्नाटे का शोर॥
सन्नाटे का शोर॥

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