Tuesday, January 12, 2010

शब्द

शब्द मेरे
कुछ कहते हैं
मुझे ज़बान देते हैं..
क्या कहू
विषय पड़े कम
आँखें ये नाम
फिर से रोना रोये
आंसू बहते ये
कुछ फिर कहते ये
मेरे
अपने हैं
कम से कम
ये तो
खोजता हूँ
फिरसे विषय
सच में हैं कम ....

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