Friday, October 2, 2009

फिर जन्मा स्वप्न ...

काला
गहवर काला
अंध गहवर काला
अंध गहवर बर्बर काला
अंध गहवर बर्बर भयावह काला
अब
ध्वस्त हुआ स्वप्न.....

श्वेत
स्वछ श्वेत
पवित्र स्वछ श्वेत
निर्मल पवित्र स्वछ श्वेत

पुनः

फिर जन्मा स्वप्न......

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