Tuesday, November 3, 2009

अब आ भी जा...

पल बीते
दिन बीते
रातें भी बीती

लब खोले
हम बोले
फिर क्यों तुम न बोली

सजनी बुलाये मेरा दिल
सजनी बुलाये मेरी जान
अब आ भी जा

तेरे संग जो
बीते पल वो
सदियाँ भी फीकी लगे

तेरे जाने पे
हर एक पल में
आँखे ये भीगी लगे

सपनो में मेरे
पुकारे मेरे पुकारे मेरा दिल
पुकारे मेरी जान
अब आ भी जा....
अब आ भी जा..
अब आ भी जा ....

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