बारिश वो पहली जो
बीती थी तेरे संग
होली वो पहली जो
छूटे न अब भी रंग
प्यारी सी बातें तेरी
प्यारा हसने का ढंग
बस भुला सा लगे
मुझे ये सारा जग
भटका सा रहूँ
जब ढूँढू तुझे
बस पाऊं ये मैं
की अब इतने दिनों के बाद
सताए तेरी याद
सुना सा लगे
अब सब कुछ मुझे
सुखा सा लगे
अब सावन मुझे
सुनी सी ये
हुई सब फिजायें
अब न बोले न गायें हवाएं
लम्बा सा लगे
अब हर पल मुझे
बस तू ही दिखे
अब हर दम मुझे
चाहे बीते ये दिन
बीते सारी रात
अब इतने दिनों के बाद
सताए तेरी याद
मेरी तुझसे बस
यही फरियाद
की आजा तू मेरे अब पास
न आये तेरी याद
last verse is excellent..
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