आज जी भर के कर ली तुझसे बात
न जाने कल हो न हो मुलाकात
नींद आँखों में है
और तेरी आवाज़ कानो में
दो बात क्या की
कि आंसू पी गया मैं
दर यही है
कि सब कि तरह
तू भी न छोड़ दे मेरा साथ
आज जी भर के कर ली तुझसे बात
न जाने कल हो न हो मुलाकात
सफ़र-ऐ-ज़िन्दगी में मोड़ बहुत है
राहगीर और रहगुज़र बहुत हैं
हर एक मोड़ के नुक्कड़ पे बिकते जज़्बात
आज जी भर के कर ली तुझसे बात
न जाने कल हो न हो मुलाकात
अभी अभी तुने थामा था मेरा हाथ
कि फिर से गहराई ये रात
मैंने आँखे चुपचाप मूंद ली
और चला गया
अब न करूँगा तुझको तंग
न होगी कोई बात
न कोई मुलाकात
आज जी भर के कर ली तुझसे बात
न जाने कल हो न हो मुलाकात
आज जी भर के कर ली तुझसे बात
न जाने कल हो न हो मुलाकात
hey..nice..bt sad ..
ReplyDeletetouchy..